सिर्फ नीतीश ही नहीं बल्कि हेमा मालिनी भी आ चुकी है लालू यादव के लपेटे में

बिहार राजनीति
Spread the love

बिहार में नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा के आरंभ होने की आधिकारिक तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है. वैसे 15 दिसंबर से यात्रा शुरू होने की बात आई थी. अभी तक इसकी तैयारी नहीं दिख रही है. चर्चा है कि रीति-रिवाजों और परंपराओं में भरोसा करने वाले नीतीश कुमार खरमास के कारण यात्रा का प्लान 15 जनवरी तक टाल सकते हैं. खरमास 15 दिसंबर से शुरू होगा और अगले साल 2025 में 14 जनवरी तक चलेगा.

बहरहाल, नीतीश कुमार की प्रस्तावित महिला संवाद यात्रा को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा है. आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस बात पर आपत्ति है कि नीतीश ने इस यात्रा खर्च के लिए कैबिनेट से 225 करोड़ रुपए की मंजूरी ले ली है. संवाद के लिए इतनी रकम की जरूरत पर उनको आपत्ति है. तेजस्वी को यह सरकारी पैसे की बर्बादी नजर आ रही है. इंडिया अलायंस में शामिल दूसरी पार्टियों के नेता भी तेजस्वी के सुर में ही सुर मिला रहे हैं. अकेले नीतीश और तेजस्वी से लोहा लेने सियासी मैदान में नया-नया उतरे जन सुराज के प्रशांत किशोर भी नीतीश को कोस रहे हैं.विरोध के लिए तेजस्वी का तर्कतेजस्वी नीति आयोग की रिपोर्ट के हवाले से बिहार की बदहाली का जिक्र करते हैं. बदहाल बिहार को उबारने की जगह यात्रा पर बड़ी रकम की स्वीकृति पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि तेजस्वी यादव यह भूल जाते हैं कि जिन दिनों वे सरकार में शामिल थे और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में भाजपा विरोधी मुहिम विपक्षी दल चला रहे थे, उसी वक्त वीआईपी और वीवीआईपी लोगों की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर और विमान खरीदने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी. सच तो यह है कि तेजस्वी सरकारी खर्च से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रचार करने के नीतीश की तरकीब से परेशान हैं.

नीतीश कुमार जब से बिहार के सीएम बने हैं, औसतन हर साल वे यात्रा पर निकलते रहे हैं. यह उनकी 15वीं यात्रा है. इस यात्रा की खास बात यह है कि उन्होंने पहली बार 225 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान रखा है. यह रकम कहां और कैसे खर्च होगी, इसका ब्लूप्रिंट किसी को नहीं पता. सियासी गलियारे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सम्मान यात्रा के दौरान महिलाओं के लिए वे कुछ लुभावनी घोषणाएं कर सकते हैं और उन वादों को पूरा करने में इस धन का इस्तेमाल हो सकता है. ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव में यह नीतीश का मास्टर स्ट्रोक होगा. तेजस्वी को इसी बात की चिंता अधिक सता रही है.

यात्रा पर होने वाले खर्च पर बहस में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ‘आंख सेंकने’ और ‘नयन सेंकने’ की बात कह कर पलीता लगा दिया है. एनडीए उनके बयान को लेकर हमलावर हो गया है. लालू ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा आंख सेंकने के लिए कर रहे हैं. अक्सर अपने ऊटपटांग बयानों से चर्चा में रहने वाले लालू एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. लालू के इस बयान की चर्चा दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में भी हुई. व्यक्तिगत तौर पर भी एनडीए नेता इस बयान के लिए लालू की आलोचना कर रहे हैं. कोई इसे उनके संस्कार से जोड़ रहा है तो कुछ इसे उनकी चरवाहा बुद्धि बता रहे हैं. उनसे माफी मांगने की मांग भी होने लगी है.

लालू यादव ने पहली बार महिलाओं को लेकर ऐसा बयान नहीं दिया है. इससे पहले मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी को लपेट लिया था. बिहार में अच्छी सड़क की तुलना उन्होंने हेमा मालिनी के गाल से कर दी थी. तब हेमा को लालू की यह बात बुरी भी लगी थी. उन्होंने कहा था किसी जिम्मेदार आदमी के मुंह से यह बात अच्छी नहीं लगती. हालांकि उन्होंने उनसे माफी मांगने की मांग से मना कर दिया था.लालू ने खड़ी कर दी मुसीबतलालू यादव के बयान को कुछ लोग इंडिया ब्लॉक की खस्ताहाली और विधानसभा उपचुनाव में हुई हार की बौखलाहट मान रहे हैं. यह सच भी है कि तेजस्वी यादव के लिए अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा का चुनाव निर्णायक है. लालू यादव किसी भी हाल में उन्हें सीएम की कुर्सी पर बैठते देखना चाहते हैं. यही वजह रही कि बीमारी के बावजूद लालू यादव माहौल बनाने के लिए उपचुनाव में प्रचार के लिए भी गए. उन्हें अपने करिश्मा और मुस्लिम-यादव समीकरण पर पूरा भरोसा था. पर, इंडिया ब्लॉक को चारों सीटों पर निराशा हाथ लगी. ऐसे में लालू के बयान को अगर महिलाओ ने अपने अपमान से जोड़ लिया तो इंडिया ब्लॉक को इसकी महंगी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *