नई दिल्ली, 30 जनवरी 2025 – मेडटेकॉन 2025, मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTaI) का प्रमुख आयोजन, नीति निर्माताओं, वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों, निवेशकों और स्वास्थ्य सेवा नेताओं को ताज पैलेस में एक साथ लाया। निवेश, सुधार और समन्वय पर केंद्रित इस कार्यक्रम ने भारत के मेडटेक क्षेत्र में नीति-सुधार, निवेश वृद्धि और तकनीकी प्रगति के लिए एजेंडा तय किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, (केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री) और विशिष्ट अतिथि डॉ. वी. के. पॉल, (सदस्य, नीति आयोग) शामिल हुए। उन्होंने भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में मेडिकल टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
भारत मेडटेक क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर
अपने संबोधन में, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा,
*”मेडटेकॉन 2025 का उद्घाटन करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह मंच उद्योग जगत, नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के हितधारकों को एकजुट कर भारत के मेडटेक क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में सहायक है। यह उद्योग 2030 तक अपने बाजार आकार को दोगुना कर 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने और अपनी वैश्विक हिस्सेदारी 1.65% से 10-12% तक बढ़ाने की दिशा में अग्रसर है। भारत की मेडटेक निर्यात क्षमता पिछले वर्ष 3.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो इस क्षेत्र की मजबूत निर्माण क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है।”
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने “मेडटेक में विदेशी एवं घरेलू निवेश को बढ़ावा” विषय पर चर्चा के दौरान कहा,
*”मेडटेकॉन 2025 भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने का एक आदर्श मंच है। बढ़ती स्वास्थ्य आवश्यकताओं को देखते हुए, भारत को वैश्विक मेडटेक नेता के रूप में स्थापित करना जरूरी है।”
उन्होंने आगे कहा,
“भारत के 4,000+ हेल्थ-टेक स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए अधिक निवेश, नियामक समर्थन और संरचित इनक्यूबेशन की आवश्यकता है। साथ ही, वैश्विक मानकों के अनुरूप नियामक सुधार लाना निवेशकों का भरोसा बढ़ाने और क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”
मेडटेक उद्योग के विकास के लिए सहयोग की आवश्यकता
MTaI के अध्यक्ष श्री पवन चौधरी ने कहा,
“भारत में स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश-अनुकूल नीतियों, नियामक समरसता और मजबूत मेडटेक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। MTaI में, हम मानते हैं कि सटीक पैरवी (एडवोकेसी) गहन विचार-विमर्श से जन्म लेती है, और मेडटेकॉन 2025 इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
क्या प्रौद्योगिकी मानवीय संवेदनाओं को प्रभावित कर रही है?
जब प्रौद्योगिकी के कारण बढ़ते तनाव और मानवीय संवेदनाओं में कमी पर सवाल किया गया, तो श्री पवन चौधरी ने असहमति जताई और कहा,
“जापान में ‘हिकिकोमोरी’ जैसे समुदाय बढ़ रहे हैं, जो तकनीक आधारित संचार को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि मानवीय संपर्क कभी-कभी तनाव और चिंता का कारण बन सकते हैं। मशीनें न तो थकती हैं और न ही निर्णय सुनाती हैं, इसलिए दुनिया में लाखों लोग, जो इस प्रकार के अलगाव को चुनते हैं, मशीनों के साथ सहज महसूस करते हैं।”
उद्योग के प्रमुख नेताओं की भागीदारी
इस आयोजन में भारत और वैश्विक मेडटेक उद्योग के कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- भारतीय विशेषज्ञ:
- श्री असीम साहू (उप-मादक द्रव्य नियंत्रक, CDSCO)
- श्री अजित चव्हाण (अतिरिक्त सीईओ, GeM)
- सुश्री ऋतु सैनी (निवेश आयुक्त, छत्तीसगढ़ सरकार)
- श्री हितेंद्र साहू (निदेशक, औषधि विभाग)
- डॉ. कामेश्वर प्रसाद (AIIMS एवं फोर्टिस हेल्थकेयर)
- डॉ. ओ. पी. यादव (सीईओ, नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट)
- श्री संजय भूटानी (एमडी, बाउश एंड लॉम्ब इंडिया एवं SAARC)
- श्री अमन ऋषि (वीपी एवं जीएम, स्ट्राइकर इंडिया)
- श्री अतुल ग्रोवर (एमडी, भारत एवं दक्षिण एशिया, बेक्टन डिकिंसन)
- श्री परमेश्वरन नायर (देश प्रमुख, SEA क्षेत्र एवं भारत, एडवर्ड्स लाइफसाइंसेज)
- विदेशी गणमान्य व्यक्ति:
- डॉ. स्टीफन हेस्सेलमैन (मंत्री सलाहकार, जर्मन दूतावास)
- एस्टेल डेविड (व्यापार एवं निवेश आयुक्त, फ्रांस दूतावास)
- निको शिएटकेटे (स्वास्थ्य एवं कल्याण सलाहकार, नीदरलैंड दूतावास)
- एना शॉटबोल्ट (उप-व्यापार आयुक्त, दक्षिण एशिया, ब्रिटिश उच्चायोग)
चर्चा के प्रमुख विषय:
- मेडटेक निवेश और विनिर्माण: भारत को वैश्विक मेडटेक विनिर्माण एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करने पर विचार।
- अस्पतालों में प्रौद्योगिकी का समावेश: AI, रोबोटिक्स और डिजिटल हेल्थ समाधानों के माध्यम से मरीजों के परिणामों में सुधार।
- स्वास्थ्य बीमा नीतियां: नए चिकित्सा उपकरणों के लिए पुनर्भुगतान (रीइंबर्समेंट) नीतियों को तैयार करने की आवश्यकता।
- नियामक सुधार: वैश्विक मानकों के अनुरूप नियामक समरसता और गैर-शुल्क बाधाओं (नॉन-टैरिफ बैरियर्स) को कम करने की रणनीति।
- नैतिक विपणन एवं कौशल विकास: अगली पीढ़ी के मेडटेक नवाचारों का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करना।
भारत की वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार में भूमिका
मेडटेकॉन 2025 ने भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए निवेश-आधारित विकास, नियामक सुधार और तकनीकी प्रगति पर जोर दिया। इस आयोजन ने मेडटेक क्षेत्र के भविष्य के लिए एक ठोस मार्गदर्शिका प्रस्तुत की।
मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTaI) के बारे में:
MTaI भारत में मेडटेक क्षेत्र का एक प्रमुख संगठन है, जिसमें अनुसंधान-आधारित चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करना और उद्योग की स्थिरता बनाए रखना है। MTaI सरकार, चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग करता है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और सिफारिशें प्रस्तुत की जा सकें।