बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के सुप्रीम लीडर नीतीश कुमार ने अपने एक बयान से विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की उम्मीदों को झटका दिया है। BJP से नाराजगी और पाला बदलने के कयासों को खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वे अब कहीं भी आने जाने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि दो बार गलती हो गई थी। दरअसल, बिहार के गोपालगंज कलेक्ट्रेट में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। उन्होंने कहा कि हम हमेशा साथ रहेंगे सीएम नीतीश ने कहा कि हम देश का विकास करेंगे।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पहले हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं, लेकिन हम लोगों को काम करने का मौका देने के बाद से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हम लोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं।नीतीश कुमार ने इस दौरान अपने शासन काल में हुए कामकाज के बारे में भी बात की और खुलकर कहा कि वे बीजेपी को छोड़कर नहीं जाने वाले हैं। इससे पहले भी वे बीजेपी को न छोड़ने को लेकर कई बड़े बयान दे चुके हैं। नीतीश लोकसभा चुनाव के दौरान कई चुनावी रैलियों में भी खुलकर यह कह चुके थे कि वे अब आरजेडी के साथ कभी नहीं जाएंगे।सीएम नीतीश हाल ही में दिल्ली गए थे लेकिन उन्होंने बीजेपी के किसी भी नेता से मुलाकात की थी। वे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के घर पर उनके निधन के बाद उनके परिजनों से मिलने गए थे और उसके बाद पटना लौट आए थे। इतना ही नहीं, वे एनडीए गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद उनकी नाराजगी के कयास भी लगाए जा रहे थे लेकिन अब ये सारे दावे खारिज हो चुके हैं।बता दें कि BJP से नीतीश कुमार की नाराजगी के कयासों के बीच लालू यादव ने कहा था कि नीतीश के लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है और नीतीश को भी खोल कर रखना चाहिए। लालू ने कहा था कि अगर नीतीश साथ आते हैं तो उन्हें हम क्यों नहीं लेंगे। नीतीश साथ में आए और काम करें। हालांकि नीतीश ने अपने लेटेस्ट बयान से लालू यादव का ऑफर ठुकरा दिया है।नीतीश के पाला बदलने के कयासों को उस वक्त और बल मिला था जब डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा था कि, ‘भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिहार को जंगलराज से मुक्त कराया है, लेकिन मिशन अभी पूरा नहीं हुआ है… जब तक बिहार में बीजेपी की अपनी सरकार नहीं बनती… तब तक हम अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दे पाएंगे… बीजेपी की सरकार बनने पर ही कार्यकर्ताओं के दिल की आग और तमन्ना शांत होगी… क्योंकि, आज भी जंगलराज के लोग बिहार की सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ रहे हैं.’ इसके बाद बीजेपी के तमाम केंद्रीय नेताओं को डैमेज कंट्रोल करना पड़ा था.जब तेजस्वी से मिले थे नीतीशइसके बाद बिहार में नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के स्वागत में आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार बेहद सरलता के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिले थे जिससे इन कयासों को और हवा मिली की जेडीयू और आरजेडी के बीच कोई राजनीतिक खिचड़ी पक रही है.हालांकि इस दौरान जब नीतीश कुमार से लालू यादव के ऑफर पर सवाल पूछा गया था तो इसे उन्होंने टालते हुए कहा था कि छोड़िए ना कौन क्या कहता है लेकिन इस पर कोई साफ जवाब नहीं दिया था. अब नीतीश कुमार ने इससे पैदा हुए कन्फ्यूजन और राजनीति को देखते हुए साफ कर दिया है कि वो आगे भी एनडीए के साथ रहेंगे.
