नीतीश कुमार V/S तेजस्वी यादव, किसमें कितना दम

बिहार राजनीति
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धनबाद: बिहार विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त है. लेकिन बिहार का राजनीतिक तापमान चढ़ना शुरू हो गया है. 2025 में बिहार विधानसभा के प्रस्तावित चुनाव में कांग्रेस और राजद का गठबंधन टूटेगा कि रहेगा ,इसपर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. क्या राजद बिना कांग्रेस के बिहार में चुनाव लड़ेगा? क्या कांग्रेस को बिहार में “बैक फुट” पर लाने की तैयारी शुरू हो गई है? यह सब ऐसे सवाल हैं, जो राजनीति के बनने -बिगड़ने वाले समीकरण की ओर इशारा कर रहे है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर ममता बनर्जी का समर्थन किया था. 2020 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ने का कांग्रेस का दावा तो इधर, कांग्रेस के 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे पर तेजस्वी यादव ने भी तंज कसा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस अध्यक्ष के इस दावे पर तेजस्वी यादव ने कह दिया कि जो खुद सीट नहीं तय करते, उनकी क्या बात करनी. दरअसल, 2 दिन पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस का प्रांतीय सम्मेलन हुआ था. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पिछली बार यानी 2020 से कम सीटों पर 2025 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. पिछली बार 70 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी थी. कांग्रेस के 70 की डिमांड पर क्या बोले तेजस्वी यादव कार्यकर्ता संवाद पर निकले तेजस्वी यादव से सहरसा में अखिलेश सिंह के इस दावे पर जब सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा कि वे सीट तय नहीं करते. आगे कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक चर्चा इस पर नहीं हुई है. कौन क्या बोलता है ,उसे क्या मतलब? वैसे, बिहार के चुनाव को देखा जाए तो राजद यह जानता और समझता है कि कांग्रेस के पास गठबंधन में रहने के सिवा कोई विकल्प नहीं है. 2025 के चुनाव में राजद नहीं चाहेगा कि कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लडे. चुकि 2020 के चुनाव में कांग्रेस का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं था. कहा तो उस समय यह जा रहा था कि अगर राजद अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा होता,तो बिहार में महागठबंधन की सरकार बन सकती थी. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. वैसे, तेजस्वी यादव मुफ्त बिजली, माई -बहिन बहन मान योजना सहित अन्य योजनाओं की घोषणा कर रहे है. कह रहे हैं कि उनकी सरकार आई, तो यह सब करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी यात्रा का नाम बदल दिया हैइधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी यात्रा का नाम बदल दिया है. और अब वह महिला संवाद के बजाय प्रगति यात्रा करेंगे.नीतीश कुमार भी शायद इंतजार कर रहे हैं कि तेजस्वी यादव और क्या-क्या घोषणा करते है. नीतीश कुमार यह भी जानते हैं कि तेजस्वी यादव सिर्फ घोषणा ही कर सकते है. लेकिन नीतीश कुमार के हाथ में अभी सरकार है. ऐसे में हो सकता है कि तेजस्वी यादव के हर एक घोषणाओं की काट में नीतीश कुमार कोई नई और चौंकाने वाली घोषणा कर दे. जो भी हो, यह तो भविष्य की बात है, लेकिन इतना तो तय है कि बिहार का चुनाव इस बार साधारण चुनाव नहीं होगा. झारखंड की तर्ज पर ही बिहार में भी चुनाव होगा और एनडीए और इंडिया ब्लॉग पूरी ताकत झुकेगा. जिसकी जमीन अभी से ही तैयार की जाने लगी है.

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