तेजस्वी यादव ने वृद्धा पेंशन पर 1500 रुपए करने का किया वादा, वही नीतीश कुमार मामले में कहा…

बिहार राजनीति
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साल 2025 में महागठबंधन की सरकार बनी तो सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये और 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी। ये बात बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने बेगूसराय में कही। वे शुक्रवार को सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरे बिहार में हर जिले में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम कर कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनसरोकार से जुड़ी जनसमस्याओं को एकत्रित कर रहे हैं। संवाद यात्रा का मुख्य उदेश्य कार्यकर्ताओं को बताना है कि 17 माह में उनके शासनकाल में किये गये विकास योजनाओं के अलावा आरक्षण सीमा को 75 प्रतिशत तक करने, जाति आधारित गणना कराना, वादा के अनुसार 5 लाख नौकरी देने के ऐतिहासिक कार्य को आम लोगों तक पहुंचाकर उन्हें जागरूक करना है। साथ ही पार्टी संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत बनाकर वर्ष 2025 में महागठबंधन की सरकार बनाना।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश का इकबाल खत्म हो गया है। वो थक गये हैं। सदन में एक भी गंभीर शब्द नहीं बोल पा रहे हैं। शायद उन्हें बयान देने से रोका जा रहा है। शासन करने का तरीका बता रहा है कि पहले वाले सीएम नीतीश के बदले कोई अधिकारी चला रहा हो। सबों को उम्मीद रहती है कि विपक्ष के प्रश्नों को जवाब दें। बिहार में भ्रष्टाचार व अपराध दोनों तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस की कार्यशैली फेल है। अनुसंधान के नाम पर उपलब्धि शून्य है।

तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश के बल पर पीएम मोदी की सरकार बन गयी। लेकिन विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र की सरकार पीछे हट गयी। यह बिहार के साथ केंद्र का सौतला व्यवहार है। जबकि उन्होंने ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। सीएम नीतीश भी एनडीए को समर्थन इसलिए दिये थे कि केंद्र में मोदी सरकार बनी तो विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा। लेकिन इस मामले में सीएम चुप हैं।

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि उनके 17 माह के शासन काल में आरक्षण को 65 प्रतिशत व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत कुल 75 प्रतिशत तक बढ़ाया गया। ताकि बिहार में युवाओं को अधिक से अधिक नौकरी का लाभ मिले। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बनते ही आरक्षण को खत्म को कर दिया गया। आरक्षण का लाभ पाने वाले लोगों के साथ अन्याय किया गया। इस मामले पर पार्टी चुप नहीं बैठेगी। सुप्रीम कोर्ट में पार्टी ने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। यह बता रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार आरक्षण विरोधी है।

मुख्यमंत्री बिहार को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से कोई नई योजना नहीं ला रहे हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, तो 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का काम किया। 17 माह के शासनकाल में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ। लेकिन उनके सरकार से हटते ही प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक होने लगे। सीएचओ से लेकर नीट के पेपर लीक हो गये। इससे लग रहा है कि बिहार में नीतीश सरकार माफियाओं को संरक्षण दे रही है। बिहार में भ्रष्टाचार-अपराध की सरकार चल रही है।

सीएम संवाद कार्यक्रम के लिए निकलते हैं। यात्रा के नाम पर सरकार के 250 करोड़ रुपये खर्च हो गये। जनता की गाढ़ी कमाई से यह सीधी लूट है। यात्रा के नाम पर जनता को कुछ नहीं मिल रहा है। लेकिन अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। एक सवाल के जवाब में प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ नहीं हो रहा है। लेकिन पूंजिपतियों का केंद्र की मोदी सरकार कर्ज माफ कर रही है। मोदी सरकार ने कहा था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी।

एक सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि काबर झील का मुद्दा विधानसभा में उठेगा। स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि कहने के लिए केंद्रीय मंत्री हैं। लेकिन विकास के नाम पर उपलब्धि शून्य है। इस मौके पर चेरियाबरियापुर विधायक राजवंशी महतो, विधान पार्षद डॉ. उर्मिला ठाकुर, राजद नेता डॉ.तनवीर हसन व अन्य लोग मौजूद थे।

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