क्या लालू यादव ‘टाटा’ और नीतीश कुमार ‘बिड़ला’ के लड़के थे? ऐसा सवाल क्यों पूछा प्रशांत किशोर ने

बिहार राजनीति
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पटना। जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर बिहार की जातिवादी राजनीति पर करारा प्रहार किया है। मंगलवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि यह धारणा पूरी तरह गलत है कि जातिवाद केवल बिहार तक ही सीमित है।

उन्होंने कहा कि गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हर जगह जातिवाद है। हालांकि, जब बिहार की बात होती है, तो हर कोई इसे केवल बिहार का मुद्दा बताता है। वस्तुत: पिछले 30-40 वर्षों में नेताओं ने समाज में डर और अविश्वास का यह माहौल बना दिया है कि अगर जाति का नहीं है तो वोट ही नहीं मिलेगा।पीके ने जोर देकर कहा कि अगर आपके पास बाहुबल और पैसा नहीं है, तो आप चुनाव नहीं जीत सकते।

उन्होंने उदाहरण देते हुए सवाल किया, लालू यादव कौन से टाटा के लड़के थे, जो उन्हें वोट मिला! नीतीश कुमार कौन से बिड़ला के लड़के थे! उनकी जाति के कितने लोग बिहार में हैं, जो उन्हें वोट मिला?’बिहार का समाज जागरूक और समझदार’उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को समझने की जरूरत है और समाज को इस मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता है। बिहार का समाज जागरूक और समझदार है। उसको मालूम है कि अगर एक प्रतिशत भी विश्वास है कि नरेन्द्र मोदी से देश का विकास हो सकता है, तो जातियों से ऊपर उठकर गुजरात के लड़के को अपने लड़के से भी अच्छा मानकर वोट दिया। तो अगर यहां का आदमी खड़ा होगा तो क्यों नहीं वोट देगा? दिक्कत बस इतनी है कि नेताओं ने लोगों के मन में डर बैठ दिया है।

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