बिहार में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य की यात्रा पर निकले हैं, जिसे उन्होंने ‘प्रगति यात्रा’ नाम दिया है. सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का अगला पड़ाव लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भूमि सारण जिला (छपरा) होगा. यहां वह बुधवार को एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गड़खा में पुनर्निर्मित महमदा तालाब और वॉलीबॉल, हैंड बॉल और बैडमिंटन कोर्ट का लोकार्पण करेंगे. फिर कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
छपरा में जय प्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा दी गई भूमि पर 425 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटें हैं. यह मेडिकल कॉलेज नर्सिंग में बीएससी की डिग्री भी देगा, जिसमें 60 सीटें होंगी. 500 बिस्तरों वाला यह अस्पताल न केवल सारण बल्कि पूरे प्रमंडल, जिसमें सीवान और गोपालगंज जिले भी शामिल हैं, के मरीजों की देखभाल करेगा. इसमें तीमारदारों (मरीजों के साथ आने वाले परिजन या रिश्तेदार) के लिए विश्राम गृह की सुविधा भी होगी.
हालांकि, मेडिकल कॉलेज का निर्माण जेपी यूनिवर्सिटी की जमीन पर किया गया है, लेकिन प्रशासन ने इसे एनएच-31 (पुराना एनएच-19) से अलग कनेक्टिविटी देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत वॉलीबॉल, हैंडबॉल और बैडमिंटन कोर्ट को सीएम द्वारा जनता को समर्पित किया जाएगा. सीएम जिले के एकमा का भी दौरा करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 40 करोड़ की लागत से एकमा से डुमाई गढ़ तक जाने वाली 5 मीटर 50 सेंटीमीटर चौड़ी सड़क और 90 करोड़ की लागत से एकमा से मशरक जाने वाली 7 मीटर चौड़ी सड़क का शिलान्यास करेंगे. इन दोनों सड़कों का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा.
अपनी प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में सीएम नीतीश 7 जनवरी को सीवान पहुंचे थे और जिले को 100 करोड़ से अधिक के विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी. वह 8 जनवरी को सारण, 11 जनवरी को दरभंगा, 12 जनवरी को मधुबनी और 13 जनवरी को समस्तीपुर का दौरा करेंगे. नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का तीसरा चरण 16 जनवरी से शुरू होगा, जो 29 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान वह 9 जिलों का दौरा करेंगे.
नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार चुनाव से ठीक पहले पहली बार राज्य की यात्रा पर निकले थे. उनके इस टूर का नाम न्याय यात्रा था, जिसने लालू यादव की पार्टी राजद की सत्ता से विदाई कर दी थी. नीतीश ने अब तक अलग-अलग वजह और मकसद से बिहार की 14 यात्राएं की हैं. उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले विकास यात्रा की. पार्टी के अच्छा प्रदर्शन करने के बाद जून में धन्यवाद यात्रा पर गए. फिर 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर में प्रवास यात्रा की ताकि जतना के सामने अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर सकें.
नीतीश ने अप्रैल 2010 में विश्वास यात्रा की. इस चुनाव में जेडीयू 115 सीटें जीतकर बिहार में अपने सबसे शानदार प्रदर्शन तक पहुंची. इस प्रचंड जीत के बाद नीतीश ने 2011 में सेवा यात्रा की, तो 2012 में बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर अधिकार यात्रा पर निकले. नीतीश ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की, लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू को भारी नुकसान हुआ और वह सिर्फ दो सीटें जीत सकी. नीतीश 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बिहार की यात्रा पर निकले.
लोकसभा चुनाव 2014 के झटके से उबरकर नीतीश कुमार ने इस साल नवंबर में संपर्क यात्रा शुरू की और बिहार के हर जिले में पहुंचे. बिहार में 2015 में महागठबंधन सरकार (जदयू, राजद, कांग्रेस और वामद ल) बनने के बाद नीतीश ने सात निश्चय लागू किया और उसका असर देखने 2016 में निश्चय यात्रा पर निकले. फिर 2017 में वह समीक्षा यात्रा, 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा और 2023 में समाधान यात्रा पर निकले थे. अब वह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘प्रगति यात्रा’ निकाल रहे हैं.
